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वैदिक पंचांग

आचार्य राकेश झा

ज्योतिषाचार्य व कर्मकांड विशेषज्ञ

आचार्य राकेश झा फलित ज्योतिष, वास्तु परीक्षण, कुंडली परामर्श,आध्यात्मिक मार्गदर्शन के साथ कर्मकांड विशेषज्ञ हैं। इन्होने आचार्य की मानक उपाधि, डबल स्नातक के साथ माध्यमिक शिक्षा में संस्कृत टॉपर रहे है I भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद्, चेन्नई से दांपत्य जीवन में शोध की शिक्षा लिए है I

  पंडित राकेश झा को दो दशकों से कर्मकांड तथा 10 वर्षों से ज्योतिषीय विश्लेषण का अनुभव है I पटना के अलावे दिल्ली, रायपुर, सूरत, रांची, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी से प्रकाशित होने वाले सभी प्रमुख हिंदी अख़बारों एवं पत्रिकाओं में इनकी धार्मिक आलेख, ज्योतिषीय गणना व आध्यात्मिक विश्लेषण को प्रमुखता से प्रकाशित हो रहा है I इसके अलावे दर्जनों स्थानीय टीवी चैनलों पर इन्हे देख सकते है I

आचार्य राकेश झा

निष्पक्ष व सटीक विश्लेषण से इन्होने हजारों लोगों के जीवन को आनंदित किया है I शादी-विवाह, नौकरी-पेशा, पारिवारिक कलह, व्यापार में उन्नति, अनिष्ट दोष, शिक्षा, विदेश यात्रा, भूमि-भवन, संतान सुख, ग्रह शांति, अनुष्ठान, पूजा-पाठ, हवन आदि संबधित तमाम दोषों को दूर करने के लिए सरल उपाय की जानकारी रखते है I मिथिला व बनारस दोनों पद्धति की पूर्ण ज्ञान है I
आचार्य राकेश झा को सिक्किम के महामहिम राज्यपाल श्री गंगा प्रसाद, बिहार पुलिस एसोशियशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह,बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे, एचडीएफसी बैंक, ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, पटना उच्च न्यायालय के न्यायधीश राजेंद्र प्रसाद, सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ सी. पी. ठाकुर, बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती दिलमणि मिश्रा, (पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव, गृह विभाग के विशेष सचिव आईपीएस विकाश वैभव समेत कई गणमान्यों ने सम्मानित भी किया है I

पूजा,अनुष्ठान एवं ग्रह दोष निवारण

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।

महामृत्युंजय जाप

कुंडली के अनिष्ट दोष व कष्टकारी ग्रहों को दूर करने, विभिन्न बाधाओं से छुटकारा, गंभीर बीमारी से निजात, परिवारिक सदस्यों के ऊपर आने वाली आपदा, विशेष मनोकामना पूर्ति, विदेश यात्रा के अड़चन को दूर करने, वियोग होने पर, धन-संपत्ति को विनाश से बचने हेतु, अकाल मृत्यु से बचने, झूठा आरोप, कार्य में रुकावट, नौकरी-पेशा में तरक्की के रुक जाने पर , मानसिक शांति की कामना, व्यापार में उन्नति, द्विग्न चित्त, मन अशांत होने पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

श्री राम कथा

कहते हैं हरि अनंत, हरि कथा अनंता। सबसे पहले श्रीराम की कथा हनुमानजी ने लिखी थी फिर महर्षि वाल्मीकि ने। वाल्मीकि राम के ही काल के ऋषि थे। उन्होंने राम और उनके जीवन को देखा था। वे ही अच्छी तरह जानते थे कि राम क्या और कौन हैं? लेकिन जब सवाल लिखने का आया, तब नारद मुनि ने उनकी सहायता की। कहते हैं कि राम के काल में देवता धरती पर आया-जाया करते थे और वे धरती पर ही हिमालय के उत्तर में रहते थे।

दुर्गा पाठ

शारदीय नवरात्र, चैत्र नवरात्र या घर के महिलाओं के स्वास्थ्य लाभ, शुक्र ग्रह की शांति, दृष्टि दोष, शत्रु बाधा, कर्ज मुक्ति, कलह से छुटकारा, शिक्षा लाभ, चोट-चपेट की आशंका, ऐश्वर्य-वैभव में वृद्धि आदि के लिए दुर्गा की उपासना के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए I देवी की पूजा शुध्दता, पवित्रता व निष्ठा के साथ होना चाहिए I कुवांरी कन्याओं का पूजन, भोजन के बाद उन्हें फल, वस्त्र भेंट कर उनका आशीर्वाद लेने से शुभता व लक्ष्मी का वास होता है I

गृहप्रवेश पूजा

नया घर या फ्लैट लेने अथवा बनवाने के बाद पहली बार जो पूजा की जाती है, उसे गृहप्रवेश पूजा कहते है I हर किसी के जीवन का सपना होता है कि जब हम नए घर में प्रवेश करे तो हमारे घर में हमेशा सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। गृहप्रवेश घर की शुद्धिकरण, सुख शांति, प्रगति व नकारात्मक ऊर्जा तथा नजर दोष को दूर करने के लिए किया जाता है। नए घर में नई उम्मीदें तथा अनेको सपने लेकर एंट्री करते हैं। ऐसे में देवताओं की पूजा, हवन व शांति पाठ के साथ आचार्य, पंडितों, बड़े-बुजुर्गो के आशीर्वाद का बहुत महत्व होता है। गृहनिर्माण में हुई त्रुटियों की शांत्यर्थ हेतु गृहप्रवेश की पूजा अतिआवश्यक है I

ग्रहशांति

कुंडली के विभिन्न ग्रहों की शांति मंत्र जाप, दान, रत्न या उपरत्न धारण, हवन, पूजा के द्वारा किया जाता है I इसके अलावे जीवन में अशांति, तरक्की में अवरोध, व्यापार में घाटा, पढ़ाई में मन नहीं लगना, चोट-चपेट, बीमारियां, भयानक स्वप्न, मनचाहा परिणाम ना मिलना, बेवजह अड़चन, आपसी मतभेद, घरेलू झगड़े समेत अन्य समस्याओं से निजात पाने हेतु ग्रहशांति या नवग्रह पूजा किया जाता है I इसमें हवन का विशेष महत्व होता है I विशेषकर हवन में पड़ने वाले समिधा का खास स्थान है I

सत्यनारायण पूजा

सत्यनारायण व्रत का अनुष्ठान करके इंसान अपने तमाम दुखों से मुक्ति पा सकता है I सामान्यतः किसी मनोकामना के पूर्ण होने पर सत्यनारायण की पूजा के बाद कथा श्रवण किया जाता है I इसके अलावे जीवन में सुख, शांति एवं संपन्नता की कामना से भी सत्यनारायण प्रभु की पूजा होती है I भगवान सत्यनारायण श्रीहरि विष्णु के ही स्वरूप हैं I भगवान सत्यनारायण का उल्लेख स्कन्द पुराण के रेवाखंड में मिलता है I स्कन्द पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने स्वयं महर्षि नारद को इस व्रत का महत्व और विधान बताएं है I कलयुग में सबसे सरल, प्रचलित और प्रभावशाली पूजा भगवान सत्यनारायण की मानी गयी है I इसीलिए किसी भी शुभ कार्य के दौरान या किसी विशेष अवसर पर तथा मानसिक शांति के लिए इनका पूजा किया जाता है I

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